"वयं विश्वे जागृयाम"
(Vayam Vishwe Jaagriyaam)
We must keep the world alive and awakened.
Incepted as Nirmla College in 1951 symbolising the feminine energy of a motherhood and established as Kirori Mal College in 1954 symbolising the crystallization of 'Nirmal Bhawana', that is, Benevolence, Benediction & Beatitude, this Body of Academic has excelled in nurturing the early buds of the society into a full blossomed flowers, spreading fragrance of their knowledge, merit and happiness all round in every nook and corner of the world. As the Principal of the College, I feel myself blessed to stand in the queue of those who have incessantly engaged themselves wholeheartedly and shaped this institution in the best possible way and made it what it stands today -
Titanic and Tall
With unflinching Wall
Shining like a Star
No one stands at Par
"वयं विश्वे जागृयाम"
(Vayam Vishwe Jaagriyaam)
We must keep the world alive and awakened.
सन् 1951 में ‘निर्मला कॉलेज’ के नाम से वजूद में आए शिक्षण संस्थान ने प्रतीकात्मक रूप में मातृत्व शक्ति का प्रबल प्रतिनिधित्व किया । सन् 1954 में उसी कॉलेज ने ‘किरोड़ीमल कॉलेज’ के रूप में ‘निर्मल भावना’ का उद्गार प्रकट किया, जिसमें परोपकार, परमार्थ एवं परमानन्द का अनुभव-तत्त्व अंतर्निहित था । इसने समाज के नवांकुरों का एक फलान्वित वृक्ष के रूप में संवर्धन किया, जिन्होंने कालांतर में अपने ज्ञान, दक्षता और प्रसन्नता की ख़ुशबू से पूरी दुनिया को आप्लावित कर दिया । ऐसे संस्थान के प्राचार्य के रूप में दायित्व पाने को मैं एक शुभ अवसर मानता हूँ, जब मुझे उन अभूतपूर्व लोगों की पंक्ति में खड़ा होने का एक महत्त्वपूर्ण मौका मिला जिन्होंने इस संस्थान को उत्तरोत्तर उन्नति की राह पर ले जाने के लिए अपने जीवन की कार्यकालीय अवधि को समर्पण और निष्ठा की बलिवेदी पर होम कर दिया, और उसे इस मुक़ाम पर लेकर आए जहाँ वह आज खड़ा है:
विराट, विस्तीर्ण और ऊँचा कद
दीवारों के पार है जिसकी हद
जो सितारों-सा सदा चमकता है
जिसका सानी कोई और नहीं हो सकता है